Parts of Speech किसे कहते हैं? – Parts of speech in Hindi

Parts of speech in Hindi (भाषा के अंग) :

अंग्रेजी व्याकरण के प्रारंभिक(Basic) चीजों के अध्ययन करने के बाद हम “Part of speech” के बारे में अध्ययन करते हैं। यह अंग्रेजी व्याकरण के मुख्य अंग(Main part) या मूल आधार होता हैं। जिसके अध्ययन करने के बाद व्याकरण के अन्य विषयों(Subjects) समझा जा सकता हैं।

 

किसी भी भाषा को शुद्ध- शुद्ध पढ़ने लिखने के लिए उनके व्याकरण(Grammar) का अध्ययन किया जाता हैं। ठीक इसी प्रकार अंग्रेज भाषा सीखने के लिए इनके व्याकरण का अध्ययन करना होता हैं जिनके अंतर्गत कई महत्पूर्ण विषयों को पढ़ना होता है। जैसे – अंग्रेजी वर्णमाला(English Alphabet) , Part of speech (भाषा के अंग) , वचन(Number) , पुरुष(Person) , वाक्य(The Sentence) , काल(Tense) , वाच्य(Vice) , Narration इत्यादि। इन सारे विषयों(Subjects) के बीच में एक संबंध(Relations) होते हैं जिन संबंधों के कारण हम अंग्रेजी वाक्यों(English Sentences) को बना पाते हैं।

Part of speech किसे कहते हैं ? – Parts of speech in Hindi with Definition and Example .

Part of speech की परिभाषा(Definition) : शब्दों को वाक्यों में अपने कार्य के अनुसार विभाजन को Part of speech कहा जाता हैं। अलग- अलग कार्यों को प्रस्तुत करने के लिए अलग-अलग वाक्यों का प्रयोग किया जाता हैं।

जैसे :

वह अमीर था। – He was rich.

मैं खेलता था । I was play.

वह घर जा रही हैं। She is going to house.

नेहा घर गई। Neha went to home .

वेलोग बीमार हैं। They are ill.

यह एक किताब हैं। This is a book.

इन उदाहरणों से आप समझ गए होंगे की अलग अलग Action के लिए अलग अलग वाक्यों का प्रयोग किया जाता हैं।  अतः प्रत्येक वाक्यों(Snetences) को उनके अपने कार्य के आधार पर विभाजित किया जाता हैं जो “भाषा के अंग” कहलाता है।  वास्तव में अंग्रेजी व्याकरण का अध्ययन इसलिए करते हैं ताकि शब्दों एवम वाक्यों को सही प्रयोग कर सकें। अर्थात Subject , Object और Verb को सही तरीकों से व्यवस्थित करने के लिए English Grammar पढ़ते हैं।

मुख्य बातें : बस आपको इतना याद रखना हैं की “Part of speech” एक English Grammar का मुख्य भाग(Parts) हैं जिनके आठ(Eight) भाग हैं और इन्ही आठों भागों का अध्ययन करना हैं।

Part of speech के के कितने भेद हैं? – Types of Part of speech in Hindi .

इनके मुख्य 8 भेद या अंग होते हैं जो निम्नलिखित हैं।

1. संज्ञा(Noun)

2. सर्वनाम(Pronoun)

3. क्रियाविशेषण(Adjective)

4. क्रिया(Verb)

5. क्रियाविशेषण(Adverb)

6. संबंध अव्यव(Preposition)

7. संयोजक(Conjunction)

8. विस्यादी बोधक (Interjuction) ।

अब इन भेदों(Types) को बारी-बारी से जानने की आवश्यकता हैं। इन आठों भेदों को विस्तार से जानना होगा।

महत्वपूर्ण बात यह हैं की किसी भी चीज को जानने के लिए उनके कार्यों(Works) के बारे में जानना आवश्यक हो जाता हैं। अर्थात उनके क्या कार्य हैं ,  उपयोग क्या हैं तथा इसका स्थान क्या हैं आदि।  जब हम इतना समझ लेते हैं तो वह चीजें बहुत आसान हो जाता हैं।  इसी तरह हमें ये जानना हैं की Part of speech के प्रत्येक अंगों का क्या कार्य हैं , इसका उपयोग कहां हैं और यह कितना महत्पूर्ण हैं। जिन सब की जानकारी निम्नलिखित रूप में प्रस्तुत की गई हैं।

1 . संज्ञा(Noun) क्या हैं ?

यह किसी वस्तु का नाम(Name) होते हैं। संसार में कई प्रकार के पदार्थ/ वस्तु हैं जिनमें प्रत्येक पदार्थों को किसी-न-किसी “नाम” से आवश्य जाना जाता हैं अतः इन्ही नाम को संज्ञा कहा जाता हैं या Noun कहा जाता हैं।

  • संज्ञा में नाम की प्रधानता रहती हैं अर्थात “नाम” को ही संज्ञा कहा जाता हैं।
  • कुछ Noun एक पदार्थ का बोध कराता हैं तो कुछ Noun दो या दो से अधिक पदार्थों/ वस्तुओं का बोध कराता हैं । इस आधार पर जो Noun एक वस्तु का बोध कराता हैं वह एक वचन(Singular Noun) तथा जो Noun एक से अधिक वस्तु का बोध कराता हैं वह बहुवचन(Plural Noun) कहा जाता हैं।

 

प्राचीन अंग्रेजी व्याकरण के आधार पर संज्ञा(Noun) को सिर्फ तीन भागों में बांटा गया हैं। जिसे व्यक्तिवाचक संज्ञा(Proper Noun) , गणनीय संज्ञा(Countable Noun) तथा अगणनीय संज्ञा(Uncountable Nouns) कहा जाता हैं।

 

व्यक्ति वाचक संज्ञा – यह वह संज्ञा होता हैं जो किसी खास वस्तु , व्यक्ति और स्थान का बोध कराता हैं। यहां “खास” शब्द का अर्थ उन सारे विशेष नाम(Name) से हैं जो वास्तविक रूप में हैं।

 जैसे :

  • किसी व्यक्ति का नाम हो सकता हैं। रमेश , श्याम , आनंद , अरुण आदि।
  • किसी स्थान का नाम हो सकता हैं। दिल्ली , कोलकता , मुंबई आदि।

 

गणनीय संज्ञा और अगणनीय संज्ञा : जिन Noun का गिनती हो सकें वह गणनीय संज्ञा कहलाता हैं और जिन Noun का गिनती न हो सके तो वह अगणनीय संज्ञा कहलाता हैं। 

जैसे :

लोगों(People) का गिनती हो सकता हैं अतः यह गणनीय संज्ञा हैं। लेकिन हम किसी तेल(oil) का गिनती नहीं कर सकते हैं  इसलिए यह अगणनीय संज्ञा हैं।

 

आधुनिक अंग्रेजी व्याकरण के आधार पर संज्ञा(Noun) निम्नलिखित पांच प्रकार/ भेद के होते हैं। 

  1. व्यक्ति वाचक संज्ञा(Proper Noun)
  2. जाती वाचक संज्ञा(Common Noun)
  3. समूह वाचक संज्ञा(Collective Noun)
  4. द्रव वाचक संज्ञा(Material Noun)
  5. भाव वाचक संज्ञा(Abstract Noun)

 

यहां से पढ़ें : संज्ञा के भेद और उदाहरण images के साथ ।

 

संज्ञा(Noun) को जानना क्यों जरूरी हैं ?

आपके मन में सवाल आता होगा की संज्ञा का क्या उपयोग अथवा कार्य हैं  और हम इनका अध्ययन क्यों करते हैं तो  , हम इनके बारे में भी चर्चा कर लेते हैं। जैसा की हम जानते हैं की अंग्रेजी बोलते समय हमें व्याकरण के नियमों का पालन करना पड़ता हैं। इसके लिए संज्ञा के अनुसार विशेष रूप से क्रिया(Verb) , अभिपद(article) , Tense आदि का प्रयोग करना होता है। अतः  नियम अनुसार Noun के साथ सही व्याकरण के नियमों का प्रयोग करने के लिए इसका जरुरी हो जाता हैं।

जैसे :

1. श्याम एक अच्छा लड़का हैं। – Shyaam is a good boy. इस वाक्य में “श्याम” Noun हैं इसलिए अंग्रेजी अनुवाद बनाने के लिए “is” verb का प्रयोग किया गया हैं।

कुल बात यह हैं की जब अंग्रेजी बोलते लिखते समय Noun के साथ क्रिया अथवा व्याकरण के अन्य नियमों का पालन करना आवश्यक हो जाता हैं अतः Noun के साथ क्रिया एवम अन्य अंग्रेजी व्याकरण के नियमों को व्यवस्थित करने के लिए हम Noun का अध्ययन करते हैं। लो

Note : अंग्रेजी व्याकरण(English Grammar) हो या हिंदी व्याकरण इसके अंतर्गत जो भी प्रकरण/ Topics होते हैं वह सभी बहुत महत्पूर्ण होते हैं क्योंकि प्रत्येक के बीच में एक संबंध(Relation) अर्थात उपयोगी रूप से एक दूसरे से बंधे होते हैं। जिसके कारण हम अंग्रेजी भाषा को सही तरीकों से प्रयोग कर पाते हैं और उसे शुद्ध रूप से पढ़ , लिख एवम बोल पाते हैं।

निष्कर्ष(Conclusions)

अभी आपने “Part of speech in Hindi” भाषा के अंग के बारे में जानकारी प्राप्त किए। जिसमें मुख्य रूप से इनके अंगों/ भेदों के मूल कार्यों एवम उपयोग  के बारे में जानकारी प्राप्त किए और इसे विस्तार से जानने के लिए अगले Page पर जा सकते हैं अथवा Search Box में जाकर Search 🔍 कर सकते हैं। हमारा प्रमुख उद्देश्य हैं अंग्रेजी व्याकरण से जुड़े चीजों का जानकारी प्रदान करना हैं। उम्मीद हैं की यह जानकारी आपके लिए महत्पूर्ण होंगे।

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