Class 10 Science Chapter 2 Question Answer in Hindi : यदि आप इस वर्ष कक्षा 10 की तैयारी कर रहे है और आप Final वार्षिक परीक्षा में अच्छे अंक( First Division) लाना चाहते है तो , यह ब्लॉग(Websites) , पेज(Pages) आपके लिए बहुत महत्पूर्ण है क्योंकि यहां आपको Class 10 के NCERT Science की सम्पूर्ण तैयारी कराई गई है।
इस पेज में कक्षा 10 विज्ञान के सभी अध्याय(All Chapters) के बारे में अध्ययन करेंगे। जिनमें मुख्य रूप से प्रत्येक Chapters के प्रश्न उत्तर एवम Notes दिए गए है। इसके अलावा प्रत्येक Chapters के अंतर्गत आने वाले हर एक छोटे बड़े प्रश्नों के बारे में Analysis करना , उन्हें गहराइयों से समझना और उनके संबंधित(Related) प्रश्नों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारियां दी गई है।
ध्यान दीजिए : यदि आप किसी अध्याय(Chapter) को अच्छी तरह से पढ़ लेते है , उनके हर एक चीजों को बारीकी से समझ लेते है , तो उस अध्याय से पूछे गए सारे प्रश्नों के उत्तर आप खुद अपने तरीकों से दे सकते है।
Class 10 Science Chapter 2 Notes in Hindi .
ध्यान दीजिए आप चाहे NCERT के Books का अध्ययन करते है या किसी अन्य प्रकाशन के Book पढ़ते है , पढ़ना उन्हीं चीजों को पड़ता है जो चीजें Syllabus में होते है। वास्तव में सबसे पहले किसी Topics को समझना विशेष मायने रखता है।
Class 10 Science के Chapter 2 में “अम्ल क्षारक तथा लवण(Acid Base and Salt) के बारे में अध्ययन करने होते है। अतः इन Chapters के अंतर्गत आने वाले प्रश्नों के उत्तर के बारे में जानते है जिन्हें निम्नलिखित रूप में प्रस्तुत किए गए है। इन प्रश्नों में कुछ प्रश्न बीच के Paragraph से पूछा गया है तो कुछ प्रश्न अभ्यास के है । अतः हम एक तरफ से सभी प्रश्नों को हल करते है।
प्रश्न 1. आपको तीन परखनली दी गई है। इनमें से एक में आसवित जल , शेष दो में से एक में अम्लीय विलियम दूसरे में क्षारीय विलियन है। यदि आपको केवल लाल लिटमस पात्र दिया जाता है तो आप प्रत्येक परखनली में रखे गए पदार्थों की पहचान कैसे करेंगे।
उत्तर – प्रश्ननुसार हमें तीन परखनली दी गई है। पहले परखनली में आसवित जल है , दूसरे में अम्लीय विलियम है तथा तीसरे में क्षारीय विलियन है। हमें केवल लाल लिटमस पत्र दिया जाता है और इस लिटमस पात्र के द्वारा तीनों परखनली में रखे पदार्थों की पहचान करना है।
पहचान : हम बारी-बारी से लिटमस पत्र को परखनली में डालेंगे और उनका प्रेक्षण करेंगें। यदि लिटमस पत्र का रंग नीला हो गया तो समझेंगे की उस परखनली में क्षारीय विलियन है , क्योंकि क्षारीय विलियन में लिटमस पत्र का रंग नीला हो जाता है। अब इन्हीं नीले लिटमस पत्र को शेष दो परखनली में डालेंगे।
जिस परखनली में लिटमस पत्र का रंग लाल हो गया है तो , उस परखनली में अम्लीय विलियम है और जिस परखनली में लिटमस पत्र में कोई परिर्वतन नहीं हुवा अर्थात उसका रंग नीला ही रह गया तो उसमें आसवीत जल होगा। इस प्रकार तीनों परखनली में उपस्थित पदार्थों का पहचान कर लेंगे।
इन्हें भी जानिए :
परखनली(Test Tube) : यह कांच या प्लास्टिक की बनी बेलनाकार पतली नली होती हैं। जिसका उपयोग रासायनिक परीक्षण के लिए किया जाता है।
लिटमस पत्र: यह एक प्रकृति पदार्थ होता है जिन्हे एक विशेष प्रकार के काई से प्राप्त किया जाता हैं। यह लाइकेन नामक काई होता है जिन्हे पीसकर सुखा लिया जाता है और सूखने के बाद कागज पर चिपका दिया जाता है , जिन्हे लिटमस पत्र कहा जाता है। इसका उपयोग अम्लीय , क्षारीय तथा तटस्थ पदार्थों को पहचान करने के लिए किया जाता है।
क्रियाकलाप 2.7 के बाद के प्रश्न एवम उत्तर । ध्यान दीजिए प्रश्नों के Serial Number पर ध्यान न दीजिए आप सिर्फ प्रश्नों पर ध्यान दीजिए ।
Class 10 Science Chapter 2 Notes .
प्रश्न 2. पीतल एवं तांबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ क्यों नहीं रखने चाहिए?
दही एवम खट्टे पदार्थ में Acid पाया जाता है और जब इन पदार्थों को पीतल या तांबे के बर्तन में रखें जाते है तो , खट्टे पदार्थ में उपस्थित Acid बर्तन के परत से रासायनिक अभिक्रिया कर लेते है और एक विषैले पदार्थ को जन्म दे डालते है और जब हम इन पदार्थों को खाते है तो यह हमारे शरीर के लिए हानिकारक बन जाते है।
प्रश्न 3. धात् के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर सामान्यतः कौन सी गैस निकलती है? एक उदाहरण के द्वारा समझाइए। इस गैस की उपस्थिति की जाँच आप कैसे करेंगे?
उत्तर – जब धातु और अम्ल की अभिक्रिया होती है तो इनसे हाइड्रोजन गैस निकलती है। इसका उदाहरण निम्न है।
जब जिंक(Zn) को हाइड्रोक्लोरिक अम्ल(HCl) के साथ अभिक्रिया कराई जाती है तो हाइड्रोजन गैस निकलती है।
समीकरण :
Zn + 2HCl → ZnCl2 + H2 ↑
प्रश्न 3. कोई धात् यौगिक “A’ तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करता है तो बुद बुदाहट उत्पन्न होती है। इससे उत्पन्न गैस जलती मोमबत्ती को बुझा देती है। यदि उत्पन्न यौगिकों में एक केल्सियम क्लोराइड हैं, तो इस अभिक्रिया के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए?
उत्तर – “A” एक केल्सियम कार्बोनेट, CaCO₃ हो सकता है। यह हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) के साथ प्रतिक्रिया करके बुदबुदाहट (CO₂ गैस) उत्पन्न करते है। इसका संतुलित रासायनिक समीकरण निम्न है।
CaCO3 + 2HCl → CaCl2 + H2O + CO2 ↑
इन्हें भी जानिए : ध्यान दीजिए कार्बन डाइऑक्साइड गैस बनने के कारण बुदबुदाहट पैदा होती है और हम जानते है की CO₂ गैस जलने में सहायक बिलकुल नहीं होती है इसलिए यह जलती हुई मोमबत्ती को बुझा देती है। यदि उत्पन्न यौगिक की बात करें तो यह कैल्सियम क्लोराइड (CaCl₂), पानी (H₂O), और कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) हैं।
प्रश्न 4. HC, HNO, आदि जलीय विलयन में अम्लीय अभिलक्षण क्यों प्रदर्शित करते हैं, जबकि एल्कोहलएवं ग्लूकोज़ जैसे यौगिकों के विलयनों में अम्लीयता के अभिलक्षण नहीं प्रदर्शित होते हैं?
उत्तर – बात यह है की जब हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) या नाइट्रिक अम्ल (HNO₃) को पानी में डालते हैं, तो यह अम्ल पानी में हाइड्रोजन आयन (H⁺) छोड़ने लगते है और यही आयन अम्लीयता प्रदर्शित करते है। अर्थात् पानी में हाइड्रोजन आयन होने से पानी का pH मान घटता है जिसके कारण अम्लीयता का अनुभव होता है।
अब दूसरा प्रश्न यह है की एल्कोहल (एथेनॉल) और(चीनी) के जलीय विलयनों में अम्लीयता क्यों नहीं होती , तो आपको बता दूं की जब एल्कोहल और ग्लूकोज़ को पानी में घोलते है तो यह हाइड्रोजन आयन (H⁺) नहीं छोड़ते। इसलिए इन विलयनों में अम्लीयता का अनुभव नहीं होता।
Class 10 Chapter 2 Science Notes.
प्रश्न 5. अम्ल का जलीय विलयन क्यों विद्युत का चालन करता है?
उत्तर – विद्युत का चालन का अर्थ है “विद्युत का चलना” । जब अम्ल को पानी में घोलते है तो , अम्ल छोटे – छोटे कणों(आयनों) में टूटने लगता है। इन आयनों में कुछ (+) तो कुछ (-) आयन होता है। जिन आयनों के कारण पानी में विद्युत का चालन होने लगता है अर्थात विद्युत धारा का प्रवाह होने लगता है।
जैसे : हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) को पानी में डालने पर वह H⁺ (हाइड्रोजन आयन) और Cl⁻ (क्लोराइड आयन) में टूट जाता है और इन्हीं आयनों की मदद से पानी में विद्युत दौड़ने लगती है। इसीलिए अम्ल का जलीय विलयन विद्युत का चालन करता है।
प्रश्न 6. शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र के रंग को क्यों नहीं बदलती है?
उत्तर – जब हाइड्रोक्लोरिक अम्ल गैस के रूप में होते है तब उसमें H⁺ आयन नहीं होते है और हम जानते है की लिटमस पत्र का रंग बदलने के लिए अम्लीय या क्षारीय पदार्थों में आयनों का होना जरूरी होता है जो आयन पानी में घुलने पर ही उत्पन्न होते हैं ,लेकिन यह तो गैस के रूप में है। इसलिए शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस लिटमस पत्र के रंग को नहीं बदलती है।
प्रश्न 7. अम्ल को तनुकृत करते समय यह क्यों अनुशंसित करते हैं कि अम्ल को जल में मिलाना चाहिए,न कि जल को अम्ल में?
उत्तर – जब हम अम्ल को तनुकृत करते है अर्थात पतला करते है तो हमें निम्न बातों को ध्यान में रखना होता है।
यदि हम पानी को अम्ल में डालेंगे तो यह घातक होगा , क्योंकि पानी को अम्ल में डालने पर तुरंत अभिक्रिया कर सकता है और अत्यधिक गर्मी/ऊष्मा उत्पन्न हो सकता है , जिस गर्मी के कारण हमारा हाथ जल सकता है और जब हम अम्ल को पानी में मिलाते है तो , अम्ल धीरे – धीरे पानी में घुलता है। इसमें तापमान की अधिक वृद्धि नहीं होती है , जो बिलकुल सुरक्षित रहता है।

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