गुरुत्व और गुरुत्वाकर्षण बल किसे कहते हैं?(Gurutvakarshan bal kise kahate hain) :
जैसा की हम जानते हैं की खींचना और धकेलना बल कहलाता है और हम ये भी जानते हैं की बल अलग – अलग प्रकार के होते हैं और इन्हीं प्रकारों में से एक गुरुत्व तथा गुरुत्वाकर्षण बल हैं। यह एक ऐसा बल हैं जो पिंडों को बिना स्पर्श किए अपने ओर खींच लेती हैं।
विज्ञान में इन बलों एक विस्तृत अध्ययन हैं। निम्न कक्षा(Class) से लेकर उच्च कक्षा(High class) तक में इसका एक क्रमबद्ध अध्ययन हैं , अर्थात इन दोनों बलों के बारे में कक्षा अनुसार विस्तृत अध्ययन करने होते हैं जिसे विद्यालयों , महाविद्यालय तथा विश्यविद्यालयों में अध्ययन कराया जाता हैं। अभी इस पेज में गुरुत्व तथा गुरुत्वाकर्षण बल के मूल सिंधान्ततिक बातों को जानेंगे।
गुरुत्वाकर्षण बल क्या है उदाहरण सहित बताइए? (Gravitational force in Hindi) : Gurutvakarshan bal kise kya hain.
गुरुत्वाकर्षण बल(Gravitational force) एक आकर्षण बल होता हैं जो दो वस्तुओं के बीच लगता हैं अर्थात जब एक वस्तु किसी दूसरे वस्तु को बिना स्पर्श किए अपने ओर खींचता हैं तो उस बल को गुरुत्वाकर्षण बल कहा जाता है। ध्यान दिजिए जिन दो वस्तुओं के बीच आकर्षण बल तभी लगेंगे जब उन वस्तुओं में द्रव्यमान होंगे।
Note: आकषर्ण का अर्थ होता हैं – खींचने वाला । इसके अलाव एक और शब्द होता हैं “आकर्षक” जिनका अर्थ होता हैं – रमणीय , कोई बहुत ही सुंदर दृश्य जो देखने में आनंददायक हो। कहने का अर्थ हैं की आकषर्ण और आकर्षक दोनों अलग-अलग शब्द होता है।
गुरुत्वाकर्षण बल की परिभाषा : उदाहरण । Gurutvakarshan bal ki paribhasha , Gurutvakarshan bal ka udaharan.
ब्रह्मांड में किन्हीं दो वस्तुओं या पिंडों के बीच लगने वाले आकषर्ण बल को गुरुत्वाकर्षण बल कहा जाता हैं। दूसरी पारी परिभाषा ये भी – दो द्रव्यमान वाले वस्तुओं/ पिंडों के बीच लगने वाले आकर्षण बल को गुरुत्वाकर्षण बल कहा जाता है।
उदाहरण :
(1) . सौर मंडल में ग्रहों एवम उपग्रहों का गति या चक्कर लगाना गुरुत्वाकर्षण बल के कारण संभव हो पा रहा है – हम जानते हैं की सूर्य के चारों ओर अन्य ग्रह अपने- अपने अक्ष पर चक्कर लगाते रहते हैं और हम ये भी जानते हैं की बिना बल(Force) के ग्रहों का चक्कर लगाना संभव नहीं हैं अतः गुरुत्वाकर्षण बल के कारण ग्रह अपने अक्ष पर चक्कर लगाते है।
गुरुत्व बल क्या है? : Gurutv bal kise kahate hain.
पृथ्वी और अन्य किसी वस्तु के बीच लगने वाले आकर्षण बल को गुरुत्व बल कहा जाता हैं। गुरुत्वाकर्षण बल तथा गुरुत्व बल में मूल अंतर यही हैं की गुरुत्वाकर्षण बल किन्ही दो पिंडों के बीच का आकर्षण बल है। जबकि गुरुत्व बल पृथ्वी और अन्य वस्तु/ पिंडों के बीच का आर्कषण बल हैं। अभी तक आपने इन दोनों बलों के बारे में जान चुके हैं अब इनके खोज एवम कार्यों के बारे में अध्ययन करेंगे।
गुरुत्वाकर्षण बल की खोज किसने की और कब हुई ?
गुरुत्वाकर्षण की खोज करने की श्रेय भौतिकी के महान वैज्ञानिक सर आइज़ैक न्यूटन को जाता हैं और इसकी खोज सन 1687 में हुई थी। इसके बारे में भारतीय दार्शनिक ब्रह्मगुप्त बहुत पहले ही बता चुके थे , वह बताए थे की कोई ऐसा बल हैं जिसके कारण कोई वस्तु पृथ्वी से चिपका रहता हैं।
न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम ।
किन्हीं दो वस्तुओं के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल उनके द्रव्यमान के समानुपाती होते है तथा उनके बीच के दूरी की वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होती हैं। जिसे निम्नलिखित रूप में समझाया गया है।
- यहां F बल हैं।
- m1 तथा m2 दोनों वस्तु की द्रव्यमान है।
- r दोनों वस्तु की बीच की दूरी है।
इन दोनों वस्तुओ के बीच में लगने वाले बल (F) का मान , इन दोनों वस्तुओ के द्रव्यमान के गुणनफल के बराबर होते हैं, जिसे उपर दिखाया गया हैं तथा इनके बीच के दूरी व्युतक्रमानुपाती हैं।
Note: जब दो राशि में एक का मान बढ़ता हैं और इसके तुलना में दूसरे राशि का भी मान बढ़े तो यह समानुपाती कहलाएगा और जब दो राशियों में एक का मान बढ़े तथा उसके तुलना में दूसरे का मान घटे तो वह व्युतक्रमानुपाती कहलाता है।
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