bal kise kahate hain बल (Force) क्या है? (Bal Kise Kahate Hain) : जब हम किसी वस्तु को खींचते हैं अथवा धक्का देते हैं ,तो उस वस्तु पर एक बल(Force) आरोपित होता है, जिसके कारण उन वस्तु के स्तिथि में परिवर्तन होता हैं और वस्तुओं/पिंडो में किसी भी प्रकार परिवर्तन बल के कारण होता है।
संसार के हर एक चीजें बल के कारण क्रियाशील है और जो क्रियाशील नहीं हैं वह स्थिर या विराम में है। बल के कारण बस , ट्रक , रेलगाड़ी इत्यादि एक जगह से दूसरी जगह यात्रा कर पाते है।
हवाई जहाज बल के कारण आसमान में उड़ते हैं। रॉकेट बल के कारण ही लंबे -से लंबे दूरी तय करती है।यहां तक की हमारा चलना , फिरना , उठना-बैठना , घूमना- फिरना, सांस लेना सब बल के कारण ही संभव हो पाता हैं। आज इस पेज में बल के सम्बंधित चीजों के बारे में अध्ययन करेंगे।
बल की परिभाषा क्या है ? – bal ki paribhasha.
साधारण शब्दों में कहें तो खींचना और धकेलना बल कहलाता हैं या वह भौतिकी कारक , जिनसे किसी वस्तु के स्तिथि में परिवर्तन होता हैं बल कहलाता है अथवा वह भौतिकी कारक , जो किसी वस्तु के गति अथवा विराम की स्तिथि में परिवर्तन लाता है या लाने की कोशिश करता हैं बल कहलाता है। यहां आपने बल के तीनों परिभाषा को देखें , अब आपको जो परिभाषा सुविधा जनक लगे उसे याद रख सकते हैं।
बल का मात्रक क्या हैं ? – Bal ka Matrak.
हर एक चीज की एक माप होती है और जिनमें उन्हें मापा जाता है वह उनका मात्रक कहलाता हैं। बल का मात्रक N होता है। यह एक सदिश राशि है क्योंकि इसमें परिमाण और दिशा दोनों हैं।
इन्हें जानें :
- पानी को लीटर में मापा जाता हैं। अनाज को kg में मापा जाता हैं उसी प्रकार बल(Force) को “Newton” में मापा जात हैं । अतः बल का SI मात्रक Newton हैं। Newton को संकेत में N लिखते हैं।
- इसे F के द्वारा सूचित किया जाता हैं।
बल का प्रभाव : बल क्या प्रभाव उत्पन्न करता है?
1. बल किसी वस्तु के स्थिति में परिवर्तन ला सकता है। अतः यदि कोई वस्तु स्थिर हैं तो इस पर बल लगाकर उन्हें गति में ला सकते है और यदि कोई वस्तु गति में हैं तो उस पर बल लगाकर उन्हें स्थिर कर कर सकते है अर्थात उसे विराम में ला सकते हैं।
2. किसी गतिशील वस्तु पर बल लगाकर उसके स्तिथि में परिवर्तन ला सकते है। जैसे क्रिकेट के खिलाड़ी गतिशील गेंद में बल्ले से बल लगाकर उसके दिशा को बदल देते है और उसके गति में भी परिवर्तन कर देते है।
3. बल किसी वस्तु के आकृति में परिवर्तन ला सकता हैं। जैसे- रूई को दबाकर उसे छोटा कर सकते है। किसी प्लास्टिक के बोतल पर बल लगाकर उसे चिपका सकते है। अब हम बल के प्रकार(Types) के बारे में जानेंगे , जिसकी जानकारी नीचे दी गई है।
बल कितने प्रकार के होते है ? : Bal Ke Prakar , Types of Force in Hindi.
भौतिकी रूप से बल(Force) दो प्रकार के होते हैं , जो निम्न प्रकार हैं।
(1) स्पर्श बल(Contact Force)
(2) दूरी पर क्रियाबल( Action at a distance force)
इसके अलावा कुछ अन्य प्रकार के बल हैं जो इन दोनों मुख्य बल के अंतर्गत आते हैं अर्थात स्पर्श बल तथा दूरी पर क्रियाबल के उपभेद मान सकते है।
Note : दो वस्तु/पिंडो के बीच बल या तो स्पर्श(Contact) से लगता हैं या बिना स्पर्श(Uncontact) से लगता है। इसलिए बल को प्राकृतिक रूप से दो ही माना गया हैं। बाकी अन्य जीतने भी प्रकार बल होंगें वह सभी इन्ही दोनों के अंतर्गत आएंगे।
बल के अन्य प्रकार , जो निम्नलिखित है।
- पेशीय बल(Muscular force)
- यांत्रिक बल(Mechanical force)
- विद्युत बल(Electric force)
- गुरुत्वाकर्षण बल(Gravitational force)
- घर्षण बल(Frictional force)
- समांतर बल(Parallel force)
- परिणामी बल (Resultant force)
- संतुलित बल(Balanced force)
- असंतुलित बल(Unbalanced force)
आपने अभी बल के सभी प्रकार/ भेद को देखें । अब आप एक – एक करके इनके बारे में निचे अध्ययन करेंगे।
1 . स्पर्श बल किसे कहते है? – Contact Force in Hindi / Contact Force in Hindi Definition.
दो वस्तुओं के संपर्क(Contact) से जो बल लगता हैं वह स्पर्श बल कहलाता है।
जैसे : घर्षण बल । जब हम गाड़ियों में ब्रेक लगाते हैं तो वहा पर स्पर्श बल आरोपित होता हैं। मान लेते हैं की हम साईकल को रोकने के लिए ब्रेक लगाया , जब हम ब्रेक दबाते हैं तो ब्रेक के रबर और साईकल के रिम के बीच एक संपर्क बल लगता हैं जिसके कारण साईकल रुक जाता है।
2 . दूरी पर क्रियाबल( Action at a distance force) किसे कहते हैं?
जब दो पिंडो या वस्तुओं के बीच बिना स्पर्श किए कोई बल लगता हैं तो उस बल को दूरी पर क्रियाबल कहा जाता है।
जैसे : गुरुत्वाकर्षण बल , चुंबकीय बल, विद्युत बल , गुरुत्व बल।
3. पेशीय बल किसे कहते हैं : Muscular force in Hindi.
किसी मनुष्य या जानवरों के मांसपेशी द्वारा लगाए गए बल को पेशीय बल कहा जाता हैं।
जैसे : हाथ से गाड़ी चलाना , साईकल चलाना , दरवाजा खींचना , इत्यादि । ऐसा बल जिनमें मांसपेशी का उपयोग करना पड़े तो वह पेशीय बल कहलाएगा।
4. यांत्रिक बल किसे कहते हैं? – Mechanical force in Hindi , What is Mechanical force in Hindi.
मशीन के द्वारा लगाए गए बल को यांत्रिकी बल कहा जाता हैं।
जैसे : गेंहू पिसाई के लिए चक्की को मशीन के द्वार घुमाना , पानी के मोटर का चलना , इंजन के द्वारा लगाए गए बल। कुल बात यह है किसी मशीन के द्वारा जो बल लगेगा वह यांत्रिकी बल कहलाएगा।
5. विद्युत बल किसे कहते हैं? – Electric force kise kahate hain , Electric force in Hindi.
आवेशित वस्तु द्वार आरोपित बल विद्युत बल कहलाता हैं।
जैसे : बिजली के द्वारा इलेक्ट्रिक मोटर को चलाना विद्युत बल है।
6. गुरुत्वाकर्षण बल किसे कहते हैं? : Gravitational force in Hindi , Gurutvakarshan Bal Kise Kahate Hain.
दो द्रव्यमान वाले वस्तुओं के बीच लगने वाले बल को गुरुत्वाकर्षण बल कहा जाता हैं। यह बल हमेशा आकर्षण से उत्पन्न होता है।
जैसे : पृथ्वी गुरुत्वाकर्षण बल के कारण अपने ओर किसी वस्तु को खींचता है।
7. घर्षण बल किसे कहते है? : Frictional force in Hindi , Gharshan Bal Kise Kahate Hain.
दो वस्तुओं के सतहों के बीच लगने वाले गति – विरोधी बल को घर्षण बल कहा जाता है।
जैसे: चलती गाडियों को रोकने के लिए लगाए गए ब्रेक घर्षण बल उत्पन्न करता है।
हम घर्षण बल के कारण ही जमीन पर चल पाते है। जब हम चलते हैं तो जमीन और पैर के बीच एक घर्षण बल उत्पन्न होता हैं जिसके कारण हम चलते हैं यदि घर्षण बल नहीं उत्पन्न होता है तो हम जमीन पर गिर जाते है।
8 . समांतर बल किसे कहते है? : Parallel force in Hindi , samantar bal kise kahate hain .
यदि किसी वस्तु पर लगाए गए बलों की क्रियारेखा समांतर हो तो उस बल को समांतर बल कहा जाता है।
9. परिणामी बल किसे कहते है? : Resultant force in Hindi , Parinami bal kise kahate hain.
जब दो या दो से अधिक बल किसी वस्तु पर एक साथ लगे , तो इन सभी बलों का सम्मलित प्रभाव उत्पन्न बल को परिणामी बल कहा जाता है।
10. संतुलित बल किसे कहते है? : Balanced force in Hindi , Santulit bal kise kehte hain .
यदि किसी पिंड पर लग रहे सभी बलों का परिणामी बल शून्य हो , तो ऐसे बलों को संतुलित बल कहा जाता है।
11. असंतुलित बल किसे कहते हैं? : Unbalanced force in Hindi , Asantulit bal kise kahte hain .
यदि किसी पिंड/ वस्तु पर लग रहे सभी बलों का परिणामी बल शून्य न हो , तो ऐसे बलों को असंतुलित बल कहा जाता है।
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