धातु(Metal) : Dhatu Kise Kahate Hain , धातु की परिभाषा , प्रकार/भेद , गुण एवम उपयोग ।
धातु क्या है ?(Dhatu Kise Kahate Hain) : आप किसी भी कक्षा(Class) के विधार्थी(Students) हैं, यह पेज आपके लिए बहुत महत्पूर्ण है। इस पेज में आप धातु(Metal) और अधातु , धातु अधातु की उत्पति , धातु अधातु के प्रकार/ भेद , इनके गुणों एवम उपयोग आदि के बारे में अध्ययन करेंगे।
अक्सर विद्यार्थियों को धातुओं तथा अधातुओं के बारे में समझने में बहुत दिक्कत होती और वह रट्टा मारकर याद करने की कोशिश में रहते है। लेकिन अब रट्टा मारने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि आज इनके मूल चीजों के बारे में बातें करेंगे अर्थात बिलकुल शुरुआत से जानेंगे।
ध्यान दीजिए : यह विज्ञान का एक महत्पूर्ण अंग है जिन्हें जानना बहुत जरूरी होता है । विषेश तौर पर परीक्षा के दृष्टिकोण से यह महत्पूर्ण है क्योंकि इन Chapter से प्रश्न जरूर पूछे जाते है। पहले हम धातु के बारे में जानते है इसके बाद अधातु के बारे में जानेंगे।
धातु(Metal) : Dhatu Kise Kahate Hain और यह कितने प्रकार के होते है ?
परिचय : आपने अपने घरों में कई सारे वस्तुओं को देखें होंगे उन वस्तुओं में बहुत सारे वस्तु धातु है। भले ही आप उनके बारे में नहीं जानते है और न ही उसे पहचानते है , लेकिन वह तो आपके घर में भी है।
- क्या आपने अपने घर में टीन , चदरा, देखें है यदि देखें है तो वह एक धातु है।
- आप एल्यूमीनियम स्टील के बर्तन तो जरूर देखें होंगे। जिसमें हमारी मां खाना बनाती है। चाहे वह कुकर हो या पतीला हो , वह एक धातु है। धातु है का मतलब की वह वह बर्तन एल्यूमिनियम या स्टील धातु से बने है।
- बिजली के तार देखें होंगें , जब आप बिजली के तार के उपर से रबर(Insulation) को साफ करेंगे तो उसके अंदर कॉपर या एल्यूमिनियम के पतले-पतले तार दिखाई देंगे , वह तार एक धातु है।
- लोहे के बने चीजें जैसे कुदाली , हंसिया , कुल्हारी , छैनी आदि ये सब लोहा धातु है अर्थात लोहे को पिघलाकर इसे बनाया गया है।
- सोना-चांदी धातु है। भले ही इसके आकार को बदलकर अलग – अलग आभूषण बना लेते है लेकिन वास्तव में वह धातु है।
अब आप धातु को अच्छी तरह से पहचान गए होंगे। अब आप इनके बारे में वैज्ञानिक तरीकों से जानते और समझते है। हम इनके परिभाषा से शुरू करते है ।
धातु की परिभाषा : Dhatu ki Paribhasha
धातु (Metal) : वह रासायनिक तत्व है जो ठोस हो , जो विद्युत और ऊष्मा का सुचालक हो , जिनके आकार को बदला जा सके , धातु कहलाता है।
Note :आप इनके परिभाषा के फेरा में ज्यादा मत पड़िए क्योंकि परिभाषा से इन्हें सम्पूर्ण नहीं समझा जा सकता है , हां सटीक जवाब के लिए बिलकुल सही है। क्योंकि इसका विस्तार सुक्ष्म और वैज्ञानिक है अतः इसे इन्हें इनके गुणों(Properties) , प्रकारों/ भेदों(Types) के आधार पर अच्छी तरह से समझा जा सकता है।
आगे बढ़ने से पहले हम इनके उत्पति या जन्म के बारे में जान लेते है आखिर यह आता कहा से है , इसकी जन्म कैसे होती है आसमान से आते आते है या जमीन से निकलते है।
धातुओं के गुणों , भेदों तथा प्रकारों को जानने से पहले हम ये जान लेते है की आखिर इसका जन्म कैसे होता है अर्थात इसकी उत्पत्ति कैसे होती है। हम धातुओं को कहां से प्राप्त करते है। क्योंकि यदि हम इनके पैदा होने के बारे में जान लेंगे , तो आगे की चीजों को समझने में कोई दिक्कत नही होगा।
धातु की उत्पत्ति कैसे होती है?
सामान्यतः हम जानते है की धातु की उत्पति पृथ्वी के अंदर हुई है जिसे खोदकर बाहर निकालते है अर्थात इसे खनिज से प्राप्त करते है। लेकिन यह बात बिलकुल सही नही है , धातु के उत्पति होने में पृथ्वी का कोई संबंध नहीं है। चलिए हम जानते है आखिर इसकी उत्पति कैसे हुई है।
धातु की उत्पति : धातुओं का जन्म ब्रह्मांडीय घटनाओं के कारण होती है। जब तारों का अंतिम समय आता है तब जीवन के आखिरी समय में हल्के तत्वों जैसे हाइड्रोजन और हिलियम को मिलाकर भारी तत्वों का निर्माण करते है। इसके बाद वह टूटने लगता है और सुपरनोवा विस्फोट से पूरी तरह फट जाते है। इस विस्फोट के बाद जो धातु बनती है वह अंतरिक्ष में फैल जाते है और वह धीरे धीरे पृथ्वी और अन्य ग्रहों का हिस्सा बन जाते है। यह घटना लगातार चलती रहती है और इसके पूरे होने में कई वर्षों का समय लगता है।
आज जो हम धरती पर धातुओं(Metals) को प्राप्त कर रहे है वह कई हजारों साल पृथ्वी के अंदर दबी पड़ी है जिसे अभी खोदकर निकाल रहे है। इसे विस्तार से पढ़ने के लिए हमारे अगले पेज पर जा सकते है।
अब हम अपने मुख्य अध्याय के ओर बढ़ते है। अभी तक आपने धातु की परिभाषा और उत्पति के बारे में जान चुके है । अब हम इनके गुणों के बारे में जानते है।
धातु कितने प्रकार के होते है ?: Dhatu ke Prakar.
जैसा की ज्ञात तत्वों की संख्या 118 है। इनमें से धातुओं की संख्या करीब 80 है। जिसे अलग अलग श्रेणी में रखा गया। आप इन धातुओं के नाम जान सकते है जिन्हें नीचे दर्शाया गया है ।
1. क्षार धातु (Alkali Metals) : इसकी संख्या 6 है :
- लिथियम (Li)
- सोडियम (Na)
- पोटेशियम (K)
- रूबिडियम (Rb)
- सीजियम (Cs)
- फ्रैंसियम (Fr)
2. क्षारीय मृदा धातु (Alkaline Earth Metals) इसकी भी संख्या 6 है ।
- बेरिलियम (Be)
- मैग्नीशियम (Mg)
- कैल्शियम (Ca)
- स्ट्रॉन्शियम (Sr)
- बेरियम (Ba)
- रेडियम (Ra)
3. संक्रमण धातु (Transition Metals) , इन्हें नीचे प्रस्तुत की गई है।
- स्कैंडियम (Sc)
- टाइटेनियम (Ti)
- वैनाडियम (V)
- क्रोमियम (Cr)
- मैंगनीज (Mn)
- लोहा (Fe)
- कोबाल्ट (Co)
- निकेल (Ni)
- तांबा (Cu)
- जिंक (Zn)
- यट्रियम (Y)
- जिरकोनियम (Zr)
- नाइओबियम (Nb)
- मोलिब्डेनम (Mo)
- टेक्निशियम (Tc)
- रूथेनियम (Ru)
- रोडियम (Rh)
- पैलेडियम (Pd)
- चांदी (Ag)
- कैडमियम (Cd)
- हाफ्नियम (Hf)
- टैंटलम (Ta)
- टंगस्टन (W)
- रीनियम (Re)
- ऑस्मियम (Os)
- इरिडियम (Ir)
- प्लेटिनम (Pt)
- सोना (Au)
- पारा (Hg)
- रदरफोर्डियम (Rf)
- डब्नियम (Db)
- सीबोर्गियम (Sg)
- बोरियम (Bh)
- हैसियम (Hs)
4. अन्य धातु (Other Metals) :
- एल्युमिनियम (Al)
- गैलियम (Ga)
- इंडियम (In)
- थैलियम (Tl)
- टिन (Sn)
- सीसा (Pb)
- बिस्मथ (Bi)
- पोलोनियम (Po)
- फ्लेरोवियम (Fl)
5. लैंथेनाइड (Lanthanides) धातु : इसकी संख्या कुल 15 है :
- लैंथेनम (La)
- सेरियम (Ce)
- प्रसीओडिमियम (Pr)
- नियोडिमियम (Nd)
- प्रॉमिथियम (Pm)
- समेरियम (Sm)
- यूरोपियम (Eu)
- गेडोलिनियम (Gd)
- टर्बियम (Tb)
- डिस्प्रोसियम (Dy)
- होल्मियम (Ho)
- एरबियम (Er)
- थुलियम (Tm)
- इटरबियम (Yb)
- लुटेशियम (Lu)
6. एक्टिनाइड (Actinides) धातु :
- एक्टिनियम (Ac)
- थोरियम (Th)
- प्रोटैक्टिनियम (Pa)
- यूरेनियम (U)
- नेप्टूनियम (Np)
- प्लूटोनियम (Pu)
- अमेरिकियम (Am)
- क्यूरियम (Cm)
- बरकेलियम (Bk)
- कैलिफोर्नियम (Cf)
- आइंस्टाइनियम (Es)
- फर्मीम (Fm)
- मेंडेलिवियम (Md)
- नोबेलियम (No)
- लॉरेनसियम (Lr)
इस प्रकार कुल 80 धातु ज्ञात है। इसके अलावा प्रयोगशाला में मानव के द्वारा बनाई जाती है जिन्हें कृत्रिम धातु कहते है।
धातु के गुण : धातु की विशेषताएं क्या है ? ( Properties of Metal in Hindi)
इनके गुण/ विशेषता निम्नलिखित है ।
- यह चमकदार होते है : आप कोई भी धातु लीजिए और उसे पत्थर पर रगड़िए या इसे रेगमाल से रगड़िए यह चमकीला दिखने लगेंगे। अतः हम कहते है की धातु में चमक होती है या यह चमकदार होती है।
- धारिता (Malleability): इसे पीटकर या दबाकर पतला किया जा सकता है । जैसे हम तांबा और एल्युमीनियम को पिटपिटकर लंबे से लंबे तार बना लेते है।
- विद्युत चालकता (Electrical Conductivity): यह विद्युत के चालक होते है अर्थात इससे होकर विद्युत आसानी से गुजरते है। जैसे : तांबे , एल्युमीनियम, चांदी , लोहा के तार से बिजली प्रवाहित होती है।
- ताप चालकता (Thermal Conductivity): यह ऊष्मा और ताप के भी चालक होते है। अर्थात इनमें ऊष्मा या गर्मी आसानी से गति कर जाते है।
- वजन : इसमें वजन होती है , अर्थात इसमें ज्यादा घनत्व होता है। मतलब इसका वजन अधिक होती है।
- ध्वनि (Sound) : धातुओं में ध्वनि उत्पन्न किया जा सकता है। इसके टकराने से ध्वनि उत्पन्न होती है। अर्थात इसे बजाया जा सकता है। जैसे : स्कूल के घंटी के लिए तांबे के प्लेट का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा विभिन्न प्रकार के घंटियों को देखें होंगे , जो आवाज करती है।
- उच्च गलनांक (High Melting Point): अधिकांश धातुएं उच्च तापमान पर गलती हैं। जैसे टंगस्टन (W), जिसका गलनांक बहुत उच्च होता है।
- जंग (Corrosion Resistance): कुछ धातुओं में जंग लग जाती है। जैसे लोहा , जिसे जंग खा जाती है। इसके अलावा बहुत धातुएं है। जैसे सोना और चांदी इसमें जंग नहीं लगती है अर्थात यह जंग से सुरक्षित रहती है।
- मजबूत और कठोर : धातु मजबूत और कठोर होती हैं, जैसे लोहे और स्टील का इस्तेमाल मजबूत कार्यों के लिए किया जाता है। जैसे पुल के पाया , ट्रेन के पटरी , मशीनरी चीजें आदि।
- रासायनिक प्रतिक्रियाशीलता (Chemical Reactivity): कुछ धातुएं रासायनिक प्रतिक्रिया में भाग लेते है अर्थात इसकी रासायनिक अभिक्रियाएं कराकर कुछ नए तत्व प्राप्त किए जा सकते है। जैसे सोडियम और पोटेशियम पानी के साथ प्रतिक्रिया करते हैं।
- यह मुलायम भी होते है : जैसे सोना धातु मुलायम होते है और इसका उपयोग अधिकतर आभूषण के रूप में किया जाता है।
- उष्मा का विस्तार (Thermal Expansion): कुछ धातु गर्म होती है और गर्म होने पर इसका आकार बढ़ जाता है।जैसे लोहे की छड़े गर्म होने पर लंबी हो जाती है
- आयनीकरण (Ionization): धातु बहुत ही आराम से आयन बनाती हैं और यह अपनी बाहरी इलेक्ट्रॉनों को छोड़ देती हैं।
- क्षारीयता (Alkalinity) भी होती है : कुछ धातुएं जैसे सोडियम पानी के साथ प्रतिक्रिया करके क्षार (alkaline) उत्पन्न करती हैं
- विकिरण (Radiation): कुछ धातुएं विकिरण को अवशोषित या उत्सर्जित करती हैं।जैसे यूरेनियम।
- पानी में घुलनशीलता (Solubility in Water): कुछ धातुएं पानी में घुल जाती हैं। जैसे सोडियम लेकिन ज्यादातर धातुएं पानी में नहीं घुलती।
धातु कैसे प्राप्त की जाती है ?
हम लोग धरती पर निवास करते है और अपने जरूरतों को पूरा करने के लिए धरती से ही वस्तुओं को प्राप्त करते है। यदि धातु की बात की जाए तो इसे अयस्कों से प्राप्त किया जाता है और अयस्क को धरती के अंदर से खोदकर निकाले जाते है। अयस्क को प्राप्त करने के बाद इन्हें रासायनिक प्रक्रियाओं के द्वारा इसे प्राप्त करते है अर्थात इसे शुद्ध करके उपयोग में लाते है।
अयस्क से धातु प्राप्त करने के लिए मुख्य रूप से तीन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।
अयस्क से धातु प्राप्त करने की प्रक्रिया तीन चरणों में पूरी होती है:
1. पहले हम अयस्क की सफाई करते है । इसमें मिट्टी रेत आदि मिले होते है। जिसे रसायन के सहायता से साफ किया जाता है।
2. इसके बाद साफ किए गए अयस्क को भट्टी में गर्म करके या रसायनों की मदद से शुद्ध धातुओं को अलग किया जाता है। रसायन के अलावा कोयले और बिजली के मदद से भी निकाला जाता है।
3. इसके बाद अंत में जो धातु प्राप्त होते है उन्हें अलग अलग उपयोग में लाने के लिए उन्हें अन्य रूप देते है। जैसे उसे चमकाना , चिपकाना , फैलाना आदि। ऐसे करने के लिए कुछ विशेष प्रक्रिया से गुजारा जाता है। यदि धातु को प्राप्त करने की संपूर्ण विधि के बारे में विस्तार से जानना चाहते है तो आप अगले पेज पर जा सकते है। अभी तो आप इसे संक्षेप में जान पाए है।
धातु की उपयोग क्या है : यह क्यों महत्पूर्ण है ?
धातु के कुछ महत्पूर्ण उपयोग निम्नलिखित है।
- घरों एवम सड़कों के निर्माण कार्य में।
- मशीनों के निर्माण में।
- इलेक्ट्रॉनिक्स सामान बनाने में। जैसे बिजली के तार ।
- आभूषण बनाने में। जैसे सोना चांदी।
- रसोई और घरेलू सामान के निर्माण के लिए।
- दवाओं और चिकित्सा उपकरणों के निर्माण करने में । जैसे सुई बनाने में , हड्डियों में प्लेट लगाने में आदि।
- यातायात के साधनों के निर्माण में । जैसे गाडियां , जहाज , विमानों के निर्माण में । इसी प्रकार के अन्य कई सारे उपयोग है जिसका निरीक्षण आप खुद कर सकते है । आप अपने घरों के वस्तुओं में धातुओं को पहचान कर सकते है।
धातु क्यों महत्वपूर्ण हैं?
धातुएं मजबूत, टिकाऊ, और पुनः उपयोग में लाया जा सकता है। इसके बिना कोई भी तकनीकी संभव नहीं है। यह हमारे जीवन का बहुत महत्पूर्ण हिस्सा है। हमारे हर एक काम को आसान करते है । आपने देखा होगा की इसका उपयोग कितना विस्तार है इस आधार पर यह हमारे में बहुत महत्पूर्ण है।
भारत में धातु कहां कहां से प्राप्त की जाती है ?
भारत में धातुओं के प्रमुख स्रोतो तथा उनके स्थान निम्न प्रकार है।
1. तांबा (Copper) :
- राजस्थान: खेतड़ी, झुंझुनूं, सिरोही
- मध्य प्रदेश: बालाघाट, मलांजखंड
- झारखंड: सिंहभूम, मुसाबनी
2. एल्युमिनियम (Bauxite) :
- ओडिशा: कालाहांडी, कोरापुट, रायगढ़
- छत्तीसगढ़: मैनपाट, कोरबा
- झारखंड: लोहरदगा
- महाराष्ट्र: कोल्हापुर
3. लोहा (Iron) :
- झारखंड: सिंहभूम, गुआ, नोआमुंडी
- ओडिशा: क्योंझर, सुंदरगढ़, बारबिल
- छत्तीसगढ़: दल्लीराजहरा, बस्तर
- कर्नाटक: बेल्लारी, चिक्कमगलूर
4. सोना (Gold) :
- कर्नाटक: कोलार गोल्ड फील्ड्स, हत्ती, रायचूर
- आंध्र प्रदेश: रामगिरि, अनंतपुर
5. जस्ता और सीसा (Zinc and Lead) :
- राजस्थान: जावर माइंस (उदयपुर), दरीबा, राजपुरा-दारिबा, खेतड़ी
6. मैंगनीज (Manganese) :
- ओडिशा: क्योंझर, सुंदरगढ़, गंजम
- कर्नाटक: बेल्लारी, उत्तर कन्नड़
- महाराष्ट्र: नागपुर, भंडारा
- मध्य प्रदेश: बालाघाट
7. क्रोमाइट (Chromite) :
- ओडिशा: कटक, क्योंझर, जाजपुर
- कर्नाटक: शिमोगा
- महाराष्ट्र: रत्नागिरी
8. चांदी (Silver):
- राजस्थान: जावर माइंस, उदयपुर, अजमेर
9. कोयला (Coal)
- झारखंड: धनबाद, झरिया, रामगढ़
- ओडिशा: तालचेर, संबलपुर
- छत्तीसगढ़: कोरबा, हसदेव
- पश्चिम बंगाल: रानीगंज
10. अन्य धातुएं :
- निकेल (Nickel): ओडिशा (केंदुझर)
- टाइटेनियम (Titanium): केरल (चावरा), तमिलनाडु (मनवलकुरिची)
- माइका (Mica): झारखंड (गिरिडीह), आंध्र प्रदेश (नेल्लोर)।
यह कुछ प्रमुख स्थान है।
निष्कर्ष (Conclusion) :
अभी आपने धातु(Metal) -“Dhatu Kise Kahate Hain” के बारे में अध्ययन किए । जिसमें धातु और धातु के प्रकार , उत्पति , इनके गुण , उपयोग तथा स्रोतों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त किए । उम्मीद है की आपके द्वारा खोजे गए सभी प्रश्नों के उत्तर मिल गए होंगे । विज्ञान के संबंधित किसी प्रकार के जानकारी प्राप्त करना चाहते है या Notes प्राप्त करना चाहते है तो हमें जरूर Comment करें , हम आपका सहयोग आवश्य करेंगे।
मैं ललित कुमार इस Websites का संचालक हूँ और अंग्रेजी व्याकरण के सम्बंधित महत्पूर्ण जानकारियां हर रोज Publish करता हूँ जिसमें मुख्य रूप से Tense के उदाहरणों(Examples) , इनके वाक्यों के अनुवाद बनाने के नियमों के बारे में जानकारी प्रदान करता हैं। यदि हम अपनी शिक्षा की बात करें तो स्नातक की पढ़ाई पूरा किया हूँ और व्याकरण से सम्बंधित अच्छी जानकारियां देने में सक्षम हूँ। उम्मीद करता हूँ की हमारे द्वारा दी गई जानकारियां आपके लिए महत्पूर्ण होंगें। ध्यानवाद ।